सिर दर्द के कारण,  लक्षण और घरेलू उपचार

परिचय: आजकल की व्यस्त जीवन शैली में सिर दर्द एक सामान्य समस्या बन चुकी है ऑफिस का तनाव, मोबाइल और लैपटॉप का अधिक उपयोग, नींद की कमी और गलत खान-पान और सबसे खास बात जिससे सिर दर्द होता है, नकारात्मक विचार को बार-बार सोचना यह सब सर दर्द के प्रमुख कारण है।

सिर दर्द के घरेलू उपाय और आयुर्वेदिक इलाज
सिर दर्द से राहत पाने के आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय- प्रकृति तरीके से दर्द को करें खत्म

सिर दर्द के मुख्य कारण:

सिर दर्द होने के कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार है।

तनाव:

मानसिक तनाव, चिंता या गुस्से की वजह से या जब आप एक नकारात्मक विचार को ज्यादा सोचने लगते हैं, तो आपको नींद नहीं आता जिससे नींद ना पूरा होने पर सिर भारी-भारी सा प्रतीत होता है, और सर दर्द भी होने लगता है।

गलत खान-पान:

अधिक तैलीय, मसालेदार या फास्ट फूड खाने से पाचन तंत्र बिगड़ा है, जिससे सिर दर्द हो सकता है।

आंखों पर जोर डालना:

लंबे समय तक मोबाइल या लैपटॉप देखने से सिर में दर्द हो सकता है। यह घटना तो मेरे साथ भी हुआ था। मैं रोज 8 से 9 घंटे मोबाइल चला कर पढ़ता था। जिससे मेरे सिर में दर्द और आंखों से अपने आप पानी निकलने लगता था। परंतु अभी ठीक है।

पानी की कमी:

इस कारण से मुझे भी सिर दर्द हुआ था। जब मैं 14 वर्ष का था। तब ठंडी में पानी में बहुत कम पिता था। जिससे मेरे शरीर में पानी की कमी के कारण सिर दर्द होने लगता था। मैं आपको यही कहूंगा की ठंडी में एक दिन में दो से तीन लीटर और गर्मी में तीन से चार लीटर पानी पीना चाहिए।

माइग्रेन:

यह सिर दर्द का बहुत खतरनाक रूप है, जिसमें  आधे सिर में तेज दर्द होता है। और प्रकाश को देखने में असहजता महसूस होती है। अर्थात तेज रोशनी को देखने में परेशानी होती है।

साइनस सर दर्द:

नाक बंद होने या सर्दी जुकाम के दौरान माथे और आंखों के ऊपर दर्द होता है।

सिर दर्द के कारण और जीवन शैली से जुड़ी गलतियां
“तनाव; नींद की कमी और गलत खान-पान सर दर्द के मुख्य कारण है।

सिर दर्द के लक्षण:

(1) माथे या कनपटी में दर्द।

(2) आंखों में जलन या भारीपन।

(3) उल्टी आना।

(4) ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई।

(5) रोशनी या शोर से चिढ़ होना।

(6) गर्दन या कंधे में जकड़न।

सिर दर्द के आयुर्वेदिक कारण:

आयुर्वेद के अनुसार सर दर्द कब होता है, जब वात पित्त और कफ संतुलन में हो जाते हैं।

वात दोस्त के कारण सिर दर्द:

इसमें तेज चुभन वाला दर्द होता है। और यह चुभन वाला दर्द ठंड या हवा के कारण उत्पन्न होता है।

पित्त दोष के कारण सिर दर्द:

इसमें जलन या गर्मी के साथ सर दर्द होता है। जब आप दोपहर के धूप में जाते हैं, और क्रोध या मसालेदार भोजन करने से जलन या गर्मी के साथ सिर दर्द होता है।

कफ दोष के कारण सिर दर्द:

इसमें भारीपन नींद महसूस होता है और यह सिर दर्द ठंडी चीजें खाने से या जुकाम से होता है।

सर दर्द का घरेलू उपचार:

अगर आपको सर दर्द या माथा दर्द या माइग्रेन है, या साइनस सर दर्द है। इसका सबसे अच्छा दवा है, गाय का घी आप इसका प्रयोग इस प्रकार कर सकते हैं, गाय के घी को हल्का गर्म करके एक-एक बूंद दोनों नाक में डाल के रात को सो जाएं तो सर दर्द सभी ठीक होगा। और जो लोग रात को सोते समय खर्राटे लेते हैं, उनके लिए यही दवा उपयुक्त रहेगी। रोजाना एक एक बूंद नाक में डालकर सो जाएं तो आपकी खर्राटे बंद हो जाएंगे।

अगर आप गाय के घी को रोज रात नाक में डालकर सोते हैं। तो अगर आपको ब्रेन रोट होगा तो बहुत ही जल्दी ही ठीक हो जाएगा।

"सर दर्द के घरेलू उपाय- गाय के देसी घी से सिर दर्द का इलाज"
सर दर्द में राहत देने वाले घरेलू उपाय-गाय के देसी घी के फायदे।

डॉक्टर को कब दिखाए:

अगर आपका सिर दर्द 4 से 5 दिन लगातार रह चुका है, तो आप उसे डॉक्टर को तुरंत दिखाएं।

सर दर्द से बचाव के उपाय:

(1) रोजाना कम से कम 6 से 8 घंटे की नींद ले।

(2) मोबाइल और लैपटॉप का उपयोग सीमित करें।

(3) समय पर भोजन करें और अधिक पानी पिए ।

(4) योग, ध्यान या प्राणायाम को रोज 1 घंटे करें।

(5) नकारात्मक, विचार तनाव और गुस्से से दूर रहे।

(6) दोपहर के धूप में निकलने से पहले सर को ढक लिया करो।

"सिर दर्द के लिए योगासन और प्राणायाम"
“योग और प्राणायाम से सिर दर्द को दूर करें- मानसिक शांति का प्राकृतिक उपाय”

निष्कर्ष:

सिर दर्द केवल एक सामान्य समस्या नहीं है। बल्कि यह हमारे शरीर और मन दोनों को और असंतुलित स्थिति का संकेत है। आयुर्वेदिक जीवन शैली सही खान-पान और तनाव मुक्त दिनचर्या अपनाकर हम सिर दर्द से हमेशा के लिए छुटकारा पा सकते हैं।

"सिर दर्द से राहत के लिए आयुर्वेदिक और प्राकृतिक उपचार"
“प्राकृतिक जीवनशैली और आयुर्वेदिक उपाय अपनाकर सिर दर्द से पायें स्थायी छुटकारा”

Comments

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *